Monday, 14 October 2013

उजले भविष्य का संकेत - माहेश्वर तिवारी


अवनीश चैहान के गीत ज़मीनी सच्चाई को करीने से उजागर करते हैं। तभी तो उनके गीतों में कही हुई बात आम आदमी को अपनी ही पीड़ा का गायन लगती है। उनके गीतों में बिम्ब पूर्ववर्ती कविता के समान अलंकृत अथवा रूढ़ नहीं हैं; बल्कि बिम्ब प्रयोग का वैविध्य और नवता दोनों हैं। यही कारण है कि अवनीश चैहान की रचनाधर्मिता उजले भविष्य का संकेत देती है।

- माहेश्वर तिवारी

हरसिंगार, ब/म-48
नवीन नगर 
मुरादाबाद-244001

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नवगीत संग्रह ''टुकड़ा कागज का" को अभिव्यक्ति विश्वम का नवांकुर पुरस्कार 15 नवम्बर 2014 को लखनऊ, उ प्र में प्रदान किया जायेगा। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष उस रचनाकार के पहले नवगीत-संग्रह की पांडुलिपि को दिया जा रहा है जिसने अनुभूति और नवगीत की पाठशाला से जुड़कर नवगीत के अंतरराष्ट्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। सुधी पाठकों/विद्वानों का हृदय से आभार।